लार्ड हेस्टिंग्ज Lord Hesting

लार्ड हेस्टिंग्ज 1813-23

वैल्जली ने भारत में कम्पनी का सैनिक प्रभुत्व स्थापित किया।

आंग्ल-नेपाल युद्ध 1814-16 ई.

- कम्पनी तथा नेपालियों का झगड़ा तब हुआ जब नेपालियों ने बस्ती के उत्तर मं बटवाल तथा उसके पूर्व में शिवराज जिलों पर अधिकार कर लिया।
- हेस्टिंग्ज ने युद्ध की घोषणा कर दी। सतलुज से कोसी नदी तक उनके विरूद्ध 4 स्थानों से आक्रमण करने की योजना बनाई। वह स्वयं मुख्य सेनापति था।
- 1814-15 के अभियान पूर्णतया असफल रहे। जनरल गिलिसपाई का कालंग के दुर्ग पर आक्रमण विफल रहा तथा वह स्वयं वीर गति को प्राप्त हुए।
- मेजर जनरल मार्टिडल जैतक दुर्ग को जीतने में असफल रहा।
- कर्नल निकलस तथा गार्डनर ने कुमाऊं की पहाड़ियों में स्थित अलमोड़ा नगर विजय कर लिया (अप्रैल 1815) और जनरल ऑक्टरलोनी ने मालाओं नगर को अमरसिंह से छीन लिया।
- डेविड ऑक्टरलोनी ने 28 फरवरी 1816 को मकवनपुर के स्थान पर गोरखों को करारी मात दी।

सगौली की सन्धि, 2 दिसम्बर 1815 ई. को

- सगौली नामक स्थान पर
- जिसे मार्च 1816 ई. में गोरखों ने स्वीकार कर ली।
- अंग्रेजों को गढ़वाल, कुमायूं के जिले तथा तराई का बड़ा हिस्सा प्राप्त हुआ।
- गोरखों ने काठमाण्डू में एक ब्रिटिश रेजिडेंट रखना स्वीकार कर लिया।
- सिक्किम पर से गोरखों ने अपना दावा वापस ले लिया।
- अंग्रेजों को अब गोरखों जैसे साहसी सैनिक भी प्राप्त हो गये।
- हेस्टिंग्ज के भारत में तीन उद्देश्य थेः 1. पिण्डारियों का दमन, 2. मराठों को कम्पनी के अधीन लाना तथा 3. छोटी-छोटी रियासतों को अंग्रेजी संरक्षण में लाना।

पिण्डारी

- पहला उल्लेख मुगलों के महाराष्ट्र पर 1689 ई. के आक्रमण के समय
- बाजीराव के काल से ये अवैतनिक रूप में मराठों की ओर से लड़ते थे और लूट में भाग लेते थे।
- मल्हार राव ने इन्हें एक सुनहला झण्डा भी दे दिया।
- 1794 में सिन्धिया ने इन्हें नर्मदा घाटी में जागीर प्रदान की।

- मेल्कम ने इन्हें ‘मराठा शिकारियों के साथ शिकारी कुत्तों’ की उपमा दी थी।

- 19वीं सदी में पिण्डारियों के तीन प्रमुख नेता चीतू, वासिल मुहम्मद तथा करीम खां थे।
- 1812 में उन्होंने अंग्रेजों के अधीन मिरजापुर तथा शाहाबाद जिलों पर आक्रमण किया।
- स्मिथ, पी.ई. राबर्टस तथा एस.एम. एडवर्डस ने- दौलतराव सिन्धिया को इनका एकमात्र सरदार बताया
- उत्तरी सेना की कमान हेस्टिंग्ज ने स्वयं ले ली तथा दक्षिणी सेना सर टॉमस हिसलोप को दे दी।
- करीम खां ने मेल्कम को आत्मसमर्पण कर दिया तथा उसे गोरखपुर जिले में एक छोटी-सी जागीर दे दी गई।
- वासिल मुहम्मद ने सिन्धिया के महा शरण ली तथा उसने उसे अंग्रेजों को सौंप दिया। जेल में उसने आत्महत्या कर ली। चीतू को जंगल में शेर खा गया।
- गवर्नर थॉमस मुनरो द्वारा 1820 ई. में मद्रास प्रांत में रैयतवाड़ी व्यवस्था लागू की गई।

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